मिर्जा असद-उल्लाह खां ग़ालिब का नाम भारत ही नहीं, बल्कि विश्व के महँ कवियों में शामिल है ! मिर्जा ग़ालिब ने 1857 के आन्दोलन के सम्बन्ध में अपनी जो रूदाद (विवरण) लिखी है उससे उनकी राजनीतिक विचारधारा और भारत में अंग्रेजी राज के सम्बन्ध में उनके दृष्टिकोण को समझने में काफी मदद मिल सकती है !

मुहम्मद अशरफ़ आलुंगल और हिंदी ब्लॉग से साभार
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